shiv chalisa lyrics in english with meaning - An Overview
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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया।
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥
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गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
शिव आरती
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें
त्रयोदशी ब्रत website करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥